शाम की विनती

शाम की विनती

पिता और पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम पर । आमेन ।
हे मेरे ईश्वर, मैं विश्वास करता हूँ कि तू यहाँ हाजिर है । मैं सारे दिल से तेरी आराधना करता और तुझसे प्रेम करता हूँ।
अब तक और आज तेरे हाथों से मुझे बहुत दान मिले हैं । उन सबों के लिए मैं तेरा धन्यवाद करता हूँ । आज मैंने जो-जो पाप किए हैं, उनको जानने की ऊँजियाला और उनके लिए पछतावे की कृपा दे । [ तब जाँच लें कि हमने आज सोच, बात, काम, और अपना कर्त्तव्य पूरा न करने से ईश्वर के विरुद्ध अपराध किया है कि नहीं ।]

पछतावे की विनती

हे मेरे ईश्वर, मैं दिल से उदास हूँ कि मैंने तेरी असीम भलाई और बड़ाई के विरुद्ध अपराध किया है । मैं अपने सब पापों से बैर और घिन करता हूँ, इसलिए कि तू, हे मेरे ईश्वर, जो मेरे पूरे प्रेम के इतना योग्य है, मेरे पापों से नाराज हो जाता है । और मैं यह दृढ़ संकल्प करता हूँ । कि तेरी पवित्र कृपा से, तेरा अपराध कभी न करूँगा, और पाप की जोखिमों से दूर रहूँगा । आमेन ।

हे हमारे पिता । प्रणाम मरियम । स्वर्ग और पृथ्वी के सृजनहार ।

मैं सर्वशक्तिमान्‌ परमेश्वर के सामने, नित्य कँँवारी धन्य मरियम, महादूत धन्य मिखाएल, धन्य योहन बपतिस्ता, सन्त प्रेरित पेत्रुस और पौलुस, सब संतों और आप लोगों के सामने स्वीकार करता हूँ कि मैंने सोच, बात और काम से बहुत पाप किया है; अपने कसूर से, अपने कसूर से, अपने बड़े भारी कसूर से । इसलिए मैं नित्य धन्य कुँवारी मरियम, महादूत धन्य मिखाएल, धन्य योहन बपतिस्ता, सन्त प्रेरित पेत्रुस और पौलुस, सब सन्तों और आपलोगों से विनती करता हूँ कि आप मेरे लिए प्रभु ईश्वर से प्रार्थना करें ।
हे प्रभु, तेरे हाथ में मैं अपनी आत्मा को सौंप देता हूँ ।
हे प्रभु येसु, मेरी आत्मा पर दया कर ।
हे सन्त मरियम मेरी माता हो ।
हे मेरे भले दूत, इस रात में मेरा पहरा दे ।
हे ईश्वर के सब दूतो और सन्तो, मेरे लिए प्रार्थना कीजिए ।
हमारा प्रभु हमें आशिष दे, सब बुराई से हमारी रक्षा करे, और हमको अनन्त जीवन में पहुँचावे। और मरे हुए विश्वासियों की आत्माएँ ईश्वर की दया से, शाँति में निवास करें । आमेन ।