को. सारी सृष्टि के मालिक तुम्ही हो ,
सारी सृष्टि के रक्षक तुम्ही हो
करते हैं तुझको सदार प्रणाम,
गाते हैं तेरे ही गुणगान
हा…हा…हा… हल्लेलूयाह – 7
1. सारी सृष्टि को तेरा सहारा
सारे संकट से हमको बचाना
तेरे हाथों में जीवन हमारा है
अपनी राह पर हमको चलाना
हा… हा…हा… हल्लेलूयाह – 7
2. हम हैं तेरे हाथों की रचना
हम पर ही रहे तेरी करूणा
तन मन धन हमारा तेरा है
इन्हें शैतान को छुने न देना
हा…हा…हा…हल्लेलूया – 7
2. अब दूर नहीं हैं किनारा
धीरज को हमें बढ़ाना
जीवन की हमारी इस नैया को
भव सागर में खोने न देना
हा…हा…हा…हल्लेलूया -7
Song Link –
Sari Shristi Ke Malik Tumhi Ho
Page no. 113, Hymn no. 296.
Hymn Book – Sangeet Sagar
Acclamation Hymns (Jayghosh)
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