इस मन्दिर में जय ही प्रभु की
गुँजित हो नित महिमा उनकी
अल्लेलूया!
प्रभु का धन्यवाद करो क्योंकि वह भला है
क्योंकि उसकी दया सदा सर्वदा बनी रहती है
हे सब जातियो प्रभु का गुणगान करो
हे सब राष्ट्रो उसकी महिमा गाओ
क्योंकि हमारे प्रति उसका प्रेम समर्थ है
उसकी सत्य प्रतिज्ञता सदा सर्वदा बनी रहती है
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