गाना किताब – संगीत सागर
पृष्ठ संख्या – 138 गाना संख्या – 353
चढ़ावा गान –
री० प्रभु को अर्पण कर दें आज
अपना तन, अपना मन, अपना धान
प्रभु को अर्पण कर दें आज
1. युगों युगों से है उसका प्यार
हम पर उसकी कृपा अपार – 2
उसने बुलाया है अपने पास
हम पर प्रभु की लगी है आस ।
2. जीवन उसने नया दिया
निज बेटे को दान दिया – 2
वो है हमारा सृजनहार
उसकी महिमा अपरंपार ।
3. जीवन कर दें प्रभु को अर्पण
इच्छा बुद्धि आजादी समर्पण -2
वो है हमारा जीवन आधार
उसने सबका किया उद्धार ।
Song Link –
Prabhu Ko Urpan Ker De Aaj
Page no. 138, Hymn no. 353.
Hymn Book – Sangeet Sagar
Offertory Hymns (Chadhawa)
No comments:
Post a Comment