हे निर्मल, हे निष्कलंक, हे परम दयामय रानी ( 2)
बात न यह अब तक दुनिया में सुनी गयी न जानी
हे निर्मल….रानी ।
1. याचक आकर तेरे द्वारे तेरी शरण खोज हों हारे ( 2 )
तुझसे करके विनय फिरा है। कभी आस पर पानी ।
2. नहीं किसी को हुई निराशा, इसीलिए मैं भी ले आशा । ( 2) आया हूँ अब तेरे द्वारे हे माता, हे दानी, हे माता, हे दानी ।
3. शरण चाहता हूँ मैं पापी, हो करके अब पश्चचातापी, (2) रख ले लज्जा शरणागत की हे माता कल्याणी । .
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 195,
Hymn no. 5.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
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