यह मेरी नयी आज्ञा है,
एक दूसरे को प्यार करो,
जैसे मैंने तुम्हें प्यार किया है ।
1. जो मानव प्यार करता है, वह ईश्वर की संतान हैं,
वह ईश्वर को जानता है, क्योंकि ईश्वर प्रेम है ।
2. जो मानव प्रेम नहीं करता, वह ईश्वर को नहीं जानता,
वह ईश्वर को नहीं जानता । क्योंकि ईश्वर प्रेम है।
3. ईश्वर ने हमको प्यार किया, पहले उसने प्यार किया,
अपने पुत्र को जग में भेजा । क्योंकि ईश्वर प्रेम है ।
4. ईश्वर ने हमको प्यार किया, उसने इतना प्यार किया,
हम भी परस्पर प्यार करते हैं, क्योंकि ईश्वर प्रेम है ।
5. हम यदि परस्पर प्यार करते हैं, एक दूसरे को प्यार करते हैं, तो ईश्वर हममें बसता है । क्योंकि ईश्वर प्रेम है ।
6. ईश्वर प्रेम है ईश्वर प्रेम है, जो प्रेम में बना रहता है
वह ईश्वर में ईश्वर उसमें । क्योंकि ईश्वर प्रेम है ।
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 250,
Hymn no. 9.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
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