पवित्र साक्रमेन्त की आशिष
पुरोहित – तूने उन्हें स्वर्गीय रोटी दी । (अल्लेलूया)
उत्तर – जिसमें सब आनन्द-रस मिलता है। (अल्लेलूया)
हम प्रार्थना करें :
हे परमेश्वर, तूने इस अद्भुत संस्कार द्वारा हमें अपने दुःखभोग का स्मारक दिया है। हमें अपने शरीर और लोहू के पवित्र भेद का इस प्रकार आदर करने की कृपा दे, कि हम मुक्ति का फल नित्य अनुभव करें। तू जो युगानुयुग जीता रहता और राज्य करता है। आमेन ॥
स्तुति
धन्य परमेश्वर
धन्य उसका पवित्र नाम
धन्य येसु ख्रीस्त, सच परमेश्वर और सच मनुष्य
धन्य येसु का नाम
धन्य उसका अति पवित्र हृदय
धन्य उसका परम मूल्यवान रक्त
धन्य परम पवित्र संस्कार में येसु
धन्य पवित्र आत्मा हमारे सहायक
धन्य अति पवित्र मरिया परमेश्वर की माँ
धन्य उसका पवित्र और निष्कलंक गर्भागमन
धन्य उसका प्रतापी उदग्रहण
धन्य कुँवारी और माता मरिया का नाम
धन्य उसका अति शुद्ध वर संत योसेफ
धन्य अपने दूतों और संतों में परमेश्वर ।
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