री0 महान है तू सुजान है तू
करु मैं गुणगान तेरा
तेरी धरा है तेरा गगन है
हरएक इंसान तेरा।
मैनें जो सुना था वो सच सुना था
तेरे विषय में हे प्रभु
कहाँ से कहाँ तक यहाँ से वहां तक
जहान में है तू ही तू
तुझे ही गाऊं तुझे ही ध्यानू
मिले जो वरदान तेरा।
धन्य है वो मानव तेरी ही शरण जो
रहे निरंतर हे प्रभु
मेरे दरवाजे कभी रहा न
किसी में अंतर हे प्रभु
जो तेरे बिन है वो पथ कठिन है
हर पथ असान तेरा।
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