री0 दिल में आओ प्रभु जी आओ
दिल ढूंढ रहा है आओ
तुम हो सहारा टूटे ह्रदय का
तुम हो किनारा टूटी नैया का
आ जाओ आ जाओ दिल ढूंढ
रहा है आओ।
ये रोटी दाखरस तेरे प्रतीक है
भोजन करु बरंबार
मिलता है इसमें स्वर्ग का सुगंध
खुशिंया ही खुशिया हजार
तेरे ही जैसे मै बन जाऊ एक दिन
दे दो आशिष अपार।
भला चरवाहा तुम हो हमारा
ना डर है ना कोई गम
भूख मिटादे दे दे भोजन
शीतल जल प्यास बुझा दे
ले चल हमें प्रभु तेरी डगर में
रहना तुम साथ हमारे।
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