री० मुझे ने चाह कोई सदा तुझे चाहा
न मैं कहीं भटकूँ तू मेरा चरवाहा ।
1. जहाँ हरित उपवन वहाँ मुझे लिये चलो
जहाँ बहे मीठा जल प्रभु मुझे लिये चलो ।
2. जहाँ हो राह सही वहाँ मुझे लिये चलो
जहाँ हो सत्य अचल प्रभु मुझे लिये चलो ।
3. जहाँ हो नवजीवन वहाँ मुझे लिये चलो
जहाँ न भय घेरे प्रभु मुझे लिये चलो ।
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