ज्योति तुम्हारी सतत जलेगी
आया हूँ उजाला लेने
प्रभु आया हूँ उजाला लेने
चारो दिशायें नजर ना आए
इतना अंधेरा जीवन में
इतनी चमक तेरे दर्शन में
सारा जगत आलोकित होता
तेरा उजाला पाता नहीं
चांद सितारे और सूरज भी
मेरे ह्रदय में तेरी ही ज्योति
मन का ये मंदिर रोशन है
जगमग रोशन मेरा घर आंगन है
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