जैतून हाथों में लिए
यहूदियों के बालकों ने
प्रभु की जय प्रभु की जय गाते हुए
प्रभु येसु का स्वागत किया
पृथ्वी और जो कुछ इस में है संसार और
जो इस में निवास करते हैं यह सब प्रभु का है।
क्योंकि उसी ने उसे समुद्र पर दृढ़ किया
और नदियों पर स्थापित किया है।
फाटक ऊँचे और चौड़े बनकर खुल जाएँ
जिससे महाप्रतापी राजा प्रवेश कर सकें।
यह महाप्रतापी राजा कौन है ?
यह प्रभु है समर्थ, शक्तिशाली तथा पराक्रमी।
यह महाप्रतापी राजा कौन है ?
वह सेनाओं का प्रभु ही है वह महाप्रतापी है।
No comments:
Post a Comment