भोर की किरण ने दिया पैगाम
शीतल पवन ने मुझे कहाँ
आज तेरा येसु जी है उठा
जिंदगी हो मग्न गा उठी खिल उठी
बेकरार था जहां जी उठा मेहरबाँ
तू भी ए मेरे दिल बाँट ले ये खुशी
था हमें इंतजार गम की रात ढल गयी
आ गया वह शहर राशमिया गयी निखर
हो सदा वंदना और हो अराधना
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