ईश महिमा
ईश महिमा उच्चतम में राजती,
और भू पर शाँतिमय श्रद्धालु है ।
1. तब यशोगान करें धन्य हम तुझको कहें
नित्य तव पूजन करें और महिमा में रमें
धन्य तुम हो उच्चतम महिमा लिए ।
2. स्वर्ग शासक नाथ हे पितु प्रतापी ईश हे
धन्य तुम प्रभु येसु हे तुम अकेले पितु सुवन
नाथ ईश्वर पितु सुवन शुचि मेमने, पाप मोचन
जगत के कर दो दया ।
3. पाप मोचन जगत का सुन हमारी विनय तू
हे पिता के दाहिने दे हमें अपनी दया
क्योंकि ईश्वर नाथ तू क्योंकि परम पवित्र तू
उच्चतम प्रभु ख्रीस्त है, तू शुभात्मा संग में
ईश पितु के यशोमंडल में रहे ।
Song Link –
Page no. 1, Hymn no. 2.
Hymn Book – Sangeet Sagar
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