पावन पावन हे पावन हे प्रभु समुदायों के नाथ
स्वर्ग धरा के ओर छोर तक तेरी महिमा रहती व्याप्त
गूँजे सबसे ऊँचाई पर प्रभु का जय जयकार ।
पावन..
धन्य धन्य है नाथ वही जो आता ले
प्रभु का नाम गूँजे सबसे ऊँचाई पर
प्रभु का जय जयकार ( 3 )
Song Link –
Page no. 1, Hymn no. 3.
Hymn Book – Sangeet Sagar
No comments:
Post a Comment