प्रति पल धन्य मनाऊँ प्रभु को
करूँ सदा उसका गुणगान ।
1. प्रभु महिमा में प्राण रमाऊँ आत्मा का सच्चा सुख पाऊँ
सुने नम्र जन उसकी महिमा, हर्ष बनायें उनके प्राण ।
2. महिमामय प्रभु मेरे संग है, जितना नाम जपें हम कम हैं
जब – जब मैंने उसे पुकारा, उसने भय से मुझे उबारा
उसे निहारो हर्ष मनाओ, लज्जा का हो कभी न भान ।
3. सुने नाथ जब दीन पुकारें और कष्ट से उन्हें उबारे ।
दूत रहे उसके संग प्रभु के, जो विनम्र हैं भय से उनके
उनको वो निर्भय कर देता, जो उसका भय लेते मान ।
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 173,
Hymn no. 16.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
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