पिता हमारे तू जो करता
स्वर्गधाम में वास
पावन तेरा नाम सदा हो,
आवे तेरा राज्य ।
स्वर्ग समान हो तेरी इच्छा
धरती थल पर पूर्ण ।
हर दिन का आहार हमारा
कर दे आज प्रदान,
और हमारे अपराधों को
क्षमा दान कर नाथ,
ज्यों अपने अपराधी जन को
हम करते हैं माफ,
न परीक्षा ले हमारी,
किन्तु बुराई से बचा ।
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 31,
Hymn no. 2.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
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