दिव्य लोक के पिता हमारे ।
शुचितम नाम जगत् उजियारे ।
1. तेरा राज्य विश्व में आवे , भू पर इच्छा स्वर्गिक छावे ।
2. भेजो तुम प्रतिदिन आहार, क्षमा करो सब पाप उद्धार ।
3. क्षमा उन्हें हम ज्यों कर देते, अपने जो अपराधी होते ।
4. प्रभु परीक्षा में मत डाल, बचा बुराई से तत्काल ।
5. हम जीते सब नाथ सहारे, दिव्य लोक के पिता हमारे ।
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 169,
Hymn no. 5.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
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