कुवाँरियों का समर्पण
नाथ बखान करूँगी मैं
तेरे प्यार का सारे जहाँ
कभी न होऊँ हताश नाथ
मिले नाथ का मुझे वरदान ।
1. मेरे हदय में सुन्दर सुमधुर भाव / भरे हैं
मैं उन्हें इस गीत द्वारा प्रकट / कर रही हूँ ।
2. मैं धर्माचरण से प्यार करती और अधर्म से / घृणा
इसलिए मुझपर प्रभु की कृपा / दृष्टि / हुई है ।
3. मैं सुसज्जित हो राजा के यास / आती हूँ
मेरी सहेलियाँ मेरे साथ लायी / जा / रही हैं ।
4. युग-युग तक मैं प्रभु का नाम याद / रखूंगी
और राष्ट्र चिरकाल उसका यशोगान / करेंगे ।
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 223,
Hymn no. 1.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
ChristianPrayerSongs
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