तू विशाल है तू महान है
तेरी सृष्टि सारा जहान है
तू विशाल है
तेरे गीत गाए जो भाव से
उसे थाम कर अनुभव से
तू करे उसपे दया
तू दयालु है तू सूजान है
कोई भूल हो तो क्षमा करो
मेरे आंसुओ को जमा करो
पास मेरे वेदना
तू ही सांस तू ही प्राण है
जो झुकाएगा यहां शीश को
वही पायेगा आशिष को
शांति वन है तेरा दर
प्रभु बस यही कल्याण है
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