हरिणी जैसी आत्मा मेरी तेरे दर्शन हेतु तरसती
हर्ष मनाएँ
मेरी आत्मा ईश्वर की जीवन्त ईश्वर की प्यासी है
मैं कब जाकर ईश्वर के दर्शन करूँगा
मैं तीर्थयात्रियों के साथ साथ आनन्द और स्तुति के गीत गाते हुए
अपने ईश्वर के भव्य निवास उसके पवित्र मन्दिर तक जाऊँगा
मैं ईश्वर की वेदी के पास जाऊँगा ईंश्वर के पास जो मेरा आनंद है मैं वीणा बजाकर अपने प्रभु ईश्वर की स्तुति करूंगा
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