गाना किताब – संगीत सागर
पृष्ठ संख्या – 120 गाना संख्या – 312
चढ़ावा गान –
री० उपासना मेरे जीवन की
ग्रहण करो प्रभु ग्रहण करो – 2
वेदी के इन दानों के साथ
पावन करो प्रभु पावन करो ।
1. मेरे मन में तेरा अहसास दरिया सा बहता है – 2
कैसे करूँ तुम्हें प्नसत्र प्रभु तू मुझे बताना
2. किसी ने कहा – होम बलि
की नहीं चाह तुझे – 2
प्रेम दया रूपी पूजन प्रभु मुझे दिखाना
3. उपवन के थोड़े प्रसुन्न वही है मेरे आँचल में – 2
कैसे गूँथूँ मैं ये सुमन प्रभु मुझे दिखाना
Song Link –
Upasana Mere Jeevan Ki Grahan Karo Prabhu
Page no. 120, Hymn no. 312.
Hymn Book – Sangeet Sagar
Offertory Hymns (Chadhawa)
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