देखो सानन्द कुँवारी प्रभु के मंदिर में
आयी राजा के पास विराजी ।
1. हे ईश्वर युग-युग तक तेरा सिंहासन दृढ़ है
तेरा राजदंड / न्याय का / दण्ड है ।
2. राजकन्या विभूषित हो सजधज कर प्रवेश करती है ।
उसके वस्त्र / स्वर्णतारों से / कढ़े हैं ।
3. उसके मुख पर सौन्दर्य की सृष्टि हुईं है
और ईश्वर ने उसे सदा के लिए / आशीष / दी है ।
Song Link –
New Song (Naya Gaan) Page no. 224,
Hymn no. 3.
Hymn Book – (Naya Gaan)Sangeet Sagar
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